जिसको भी भाई बनने का शौक हो उसे उ प चले जाना चाहिए. क्योंकि वह मुख्यमंत्री ही सबको भाई बनाने पर तुली हुई हैं. आपका कार्टून सब कुछ कह गया. आप मत जाना उ प. क्योंकि आप वहां जाकर कार्टून नहीं बना पायेगे. वो आपको भी भाई बना डालेंगी
स्कूल की कॉपी-किताबों में कार्टून बनाते-बनाते कब कार्टूनिस्ट बन गया
कुछ पता ही नहीं चला. गालव रषि की तपोभूमि ग्वालियर में जन्म पाया.
कार्टून के शौक को देखते हुए पिता श्री के.सी. चतुर्वेदी ने प्रोत्साहित
किया. अखबारों में कार्टूनिंग की विधिवत शुरुआत १९९३ दैनिक भास्कर,
ग्वालियर से हुई. कार्टूनिंग के इस सफर में ग्वालियर, रोहतक, जयपुर,
भोपाल में काम करने का मौका मिला. पिछले एक साल से राष्ट्रीय दैनिक
हरिभूमि में ग्रुप कार्टूनिस्ट की हैसियत से काम कर रहा हूं....
अनुराग चतुर्वेदी
98938-86910
1 टिप्पणी:
जिसको भी भाई बनने का शौक हो उसे उ प चले जाना चाहिए. क्योंकि वह मुख्यमंत्री ही सबको भाई बनाने पर तुली हुई हैं. आपका कार्टून सब कुछ कह गया. आप मत जाना उ प. क्योंकि आप वहां जाकर कार्टून नहीं बना पायेगे. वो आपको भी भाई बना डालेंगी
एक टिप्पणी भेजें