स्कूल की कॉपी-किताबों में कार्टून बनाते-बनाते कब कार्टूनिस्ट बन गया
कुछ पता ही नहीं चला. गालव रषि की तपोभूमि ग्वालियर में जन्म पाया.
कार्टून के शौक को देखते हुए पिता श्री के.सी. चतुर्वेदी ने प्रोत्साहित
किया. अखबारों में कार्टूनिंग की विधिवत शुरुआत १९९३ दैनिक भास्कर,
ग्वालियर से हुई. कार्टूनिंग के इस सफर में ग्वालियर, रोहतक, जयपुर,
भोपाल में काम करने का मौका मिला. पिछले एक साल से राष्ट्रीय दैनिक
हरिभूमि में ग्रुप कार्टूनिस्ट की हैसियत से काम कर रहा हूं....
अनुराग चतुर्वेदी
98938-86910
10 टिप्पणियां:
गज़ब का व्यंग्य है।
कृष्ण प्रेम मयी राधा
राधा प्रेममयो हरी
♫ फ़लक पे झूम रही साँवली घटायें हैं
रंग मेरे गोविन्द का चुरा लाई हैं
रश्मियाँ श्याम के कुण्डल से जब निकलती हैं
गोया आकाश मे बिजलियाँ चमकती हैं
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाये
Hello :)
Wonderful !!
Nice concept and what a great relation with the current issue of inflation :)
Good work!
Regards,
Dimple
ये हुई न बात !
ज़बरदस्त........
nice
आधुनिक कान्हा ?
bahut khoob....
naye cartoon dalo n bhai......utsukta badti ja rahi hai.......
बहुत बढ़िया कार्टून!
--
आपकी पोस्ट की चर्चा 20 अक्टूबर, 2010 के चरेचा मंच पर होगी!
http://charchamanch.blogspot.com/
हा हा हा क्या व्यंग्य मारा है...
छत्तीसगढ़ ब्लॉगर्स चौपाल में आपका स्वागत है.
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