गुरुवार, 2 सितंबर 2010


परेशां माखन चोर.....

10 टिप्‍पणियां:

vandana gupta ने कहा…

गज़ब का व्यंग्य है।

कृष्ण प्रेम मयी राधा
राधा प्रेममयो हरी


♫ फ़लक पे झूम रही साँवली घटायें हैं
रंग मेरे गोविन्द का चुरा लाई हैं
रश्मियाँ श्याम के कुण्डल से जब निकलती हैं
गोया आकाश मे बिजलियाँ चमकती हैं

श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाये

Dimple ने कहा…

Hello :)

Wonderful !!
Nice concept and what a great relation with the current issue of inflation :)

Good work!

Regards,
Dimple

Unknown ने कहा…

ये हुई न बात !

ज़बरदस्त........

rajendra yadav ने कहा…

nice

शरद कोकास ने कहा…

आधुनिक कान्हा ?

CARTOON CHHATTISI ने कहा…

bahut khoob....

CARTOON CHHATTISI ने कहा…

naye cartoon dalo n bhai......utsukta badti ja rahi hai.......

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत बढ़िया कार्टून!
--
आपकी पोस्ट की चर्चा 20 अक्टूबर, 2010 के चरेचा मंच पर होगी!
http://charchamanch.blogspot.com/

Sumit Pratap Singh ने कहा…

हा हा हा क्या व्यंग्य मारा है...

मितान ने कहा…

छत्‍तीसगढ़ ब्‍लॉगर्स चौपाल में आपका स्‍वागत है.